The Basic Principles Of hindi kahani
The Basic Principles Of hindi kahani
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हिंदी कहानी
अपने होठ चाट रहा था. उसके भोजन की घड़ियाँ बीत रही थी, कुछ ही देर में कोई पशु नही आया तो वह शिकार को चल पड़ेगा.
स्टोरीटाइम, हालांकि, एक ऐसी एक्टिविटी है जो बच्चों को कभी बोर नहीं करती। चाहे वह बेडटाइम स्टोरी हो या स्कूल के लिए स्टोरी रीडिंग हो। यह आदत बच्चे को धीरे–धीरे एक अच्छा रीडर बनाती है और साथ ही उसे अच्छे संस्कार और भविष्य के लिए जरुरी सीख भी मिलती है, कहानी हमेशा विशेष होती है।
स्वामी ! बात यह हैं कि सभी पशुओ ने आज सभा करके और सोचकर मै बहुत छोटा हु, मुझे तथा अन्य चार खरगोशो को आपके भोजन के लिए भेजा था.
खेत का मालिक मुह उतारकर आकाश में उड़ती हुई कुरज को एकटक देखता रहा.
एक विद्यार्थी ने उठकर उस रेखा उस रेखा के पास लम्बी रेखा खीच दी, जिससे पहली रेखा छोटी हो गईं.
तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर गईं. देखने से पंडित लगने वाला व्यक्ति भारतीय लगता था.
इतने में कुछ बच्चे और गुरुजी दौड़ते हुए आए. शीला के साहस की बात चारों और फ़ैल गईं. सभी ने उसकी प्रशंसा की.
माँ को लगा इस तरह उमा नही मानने वाली हैं उन्हें उपाय सुझा की किसी तरह इसे दुःख पहुचा कर उनकी गलतियों का एहसास कराया जाए.
इस हिंदी में कहानी के कुछ शब्द और वाक्य मायड भाषा (राजस्थानी) के ही हैं.
बाल कहानियों के इस लेख में आज हम “घोंसला” हिंदी कहानी आपके साथ शेयर कर रहे हैं. इस शोर्ट बर्ड स्टोरी को बच्चों के लिए प्रेरणा के लिए उन्हें सुना सकते है.
प्यार की हद तो देखो.... पप्पू - मैं तो गर्म चाय भी इसलिए ठंडी करके पीता हूं.
चमनपुर गाँव पहाडियों के बिच बसा हुआ हैं, गाँव से थोड़ी दूर पाठशाला थी.
आज फिर निकला था उसकी गली से ओ तो नजर नहीं आई उसकी जगह काली कु..... नजर आई ...
लड़का शांत स्वर में कहने लगा- सेठजी कोई बात नही, बस यूँ ही कर रहा था.